संस्कृत-ज्योतिर्विज्ञान-वेद अध्ययनशाला
संस्कृत अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की स्थापना सन 1967 में प्रोंण् व्हीण्वेंकटाचलम् के कुशल मार्गदर्शन में हुई । इसी परम्परा में निरंतर आचार्य डॉ. हरीश भूषण जैन, प्रो. श्री निवास रथ, डॉ. सोमनाथ नेने, श्री निवास रथ, प्रोण्केदारनारायण जोशी, प्रो. तपन चौरे ( प्रभारी ), डॉ. आर. शास्त्री मुसलगांवकर, डॉ. ज्योति उपाध्याय ( प्रभारी ), डॉ. डी. डी. बेदिया ( प्रभारी ), ने विभागाध्यक्ष के रूप में संस्कृत अध्ययनशाला की कीर्ति पताका को प्रदेश में ही नही वरन संम्पूर्ण राष्ट्र में पूर्ण वैभव के साथ स्थापित की वर्तमान में विभाग डॉ. बी. के. आंजना जी के मार्गदर्शन में नवीन पाठ्यक्रमों तथा नवाचार के माध्यम से निरंतर आगे बड़ रहा है।
इसी क्रम में वर्ष 2001 में ग्रहनक्षत्रों पर अधारित वैज्ञानिक ज्ञान की जिज्ञासा को शांत करने के लिये ज्योतिर्विज्ञान अध्ययनशाला की स्थापना की गई । ज्योतिर्विज्ञान में न केवल ज्योतिष विषय के पारम्परिक और सांस्कृतिक विषय का ज्ञान होता है! अपितु विद्यार्थीं प्रायोगिक ज्योतिष का ज्ञान प्राप्त कर स्वरोजगार की ओर उन्मुख होता है।
इसी तारतम्य में वैदिक ज्ञान को जनमानस तक प्रसारित करने के उद्धेश्य से वर्ष 2007 में वेद अध्ययनशाला की स्थापना की गई। जो वेद में निहित गूढ़ रहस्योंए ज्ञानए विज्ञानएधर्मए कलां.संस्कृति जैसे विष को आधुनिक वैज्ञानिक पद्धति से व्याख्यान करती हैए तथा पारम्परिक गुरु परम्परा का निर्वाह करते हुए मूल परम्परा का संरक्षण करती है।
सम्पर्क नं. : 0734. 3580939
ऑफिस : 9827979772
सम्पर्क सूत्र :डॉ. आर. शास्त्री मुसलगांवकर - 9669888877
डॉ. गोपाल कृष्ण शुक्ल - 9827233974
डॉ. विष्णुप्रसाद मीना - 903999464
डॉ. सर्वेश्वर शर्मा - 9827580068
ई मेल आई. डी. : svjvikramuniversity@gmail.com
Vision
“विश्व की प्राचीनतम भाषा संस्कृत एवं संस्कृतभाषा में उपनिबद्ध चतुर्दश विद्याओं की यथातथ्य विचिकित्सा” ।
संस्कृत विषयों का आधुनिक वैज्ञानिक सन्दर्भों के आलोक में व्याख्यान।
संस्कृत विषयों का आधुनिक पीढ़ी के समक्ष नवाचार के माध्यम से उपस्थापन।
भारतीय संस्कृति के उज्जीवन हेतु रचनात्मक प्रयास।
वैदिक साहित्य को नवीनतम व्याख्या पद्धतियों द्वारा जन मानस तक पहुचाना
संस्कृत-ज्योतिर्विज्ञान-वेद अध्ययनशाला
Programmes Offered:-संस्कृत
1. बी.ए. ( आनर्स ) संस्कृत - 3 वर्ष2. एम. ए. संस्कृत - 2 - वर्ष
3. पीएचण्डी. संस्कृत
Programmes Offered:-ज्योतिर्विज्ञान
1. बी.ए. ( आनर्स ) ज्योतिर्विज्ञान - 3 वर्ष
2. एम. ए. ज्योतिर्विज्ञान - 2 वर्ष
Programmes Offered:-वैदिक अध्ययन
1. बी.ए. ( आनर्स ) ज्योतिर्विज्ञान दृ 3 वर्ष
2. एम. ए. ज्योतिर्विज्ञान - 2 वर्ष ण्
डिपलोमा इन कर्मकाण्ड
डिपलोमा इन चिकित्सा ज्योतिष
डिपलोमा इन वास्तु ज्योतिष
Research Activities
Data Requirements:
Title of paper-.
वैदिक संस्कृति एवं शिक्षा
Name of the authors-
Dr. Gopal Krishna Shukla
Department of the teacher
Sanskrit
Name of journal-
Aksharvata Publications, Ujjain
Year of publication-
2023.
ISBN/ISSN number-9120-514-6681
Title of the book published: Name of the author/s: Title of the proceedings of the conferencee
Dr. Sarveshwar Sharma- 1. षट्पंचाशिका
Name of the publisher: National / International- pkS[kEck laLd`r laLFkku
National / international: ISBN/ISSN number of the proceeding-
Dr. R.S. Musalgaonkar- 1.ukV~;”kkL= i;kZykspu 2- Jhen~Hkxon~xhrk
1.अर्थसंग्रह हिन्दी व्याख्या 81-86937-70-6
2. वैदिक साहित्य का इतिहास 81-86937-81-1
3. श्रीमगवदीता सम्पादन एवं भूमिका लेखन 978-93-81608-13-5
4. रतनावली नाटिका संस्कृत हिन्दी व्याख्या 81-86937-70-6
5. तर्कसंग्रह हिन्दी व्याख्या 978-93-81608-12-8
6. तर्कसंग्रह हिन्दी अनुवाद 978-93-81608-11-1
7. नैषधीयचरितम् सम्पादन एवं भूमिका लेखन 978-81-89798-90-1
8. योगचिन्तामणि संस्कृत हिन्दी व्याख्या 978-81-89798-87-1
9. कालिदासमीमांसा सम्पादन एवं भूमिका लेखन 978-81-8979-88-8
10. शिशुपालवधमहाकाव्यम् सम्पादन एवं लेखन 81-86937-11-0
11. संस्कृतनाट्यमीमांसा 81-7110-220-2
12. धातुरूपकौमुदी 978-81-89798-51-2
13. शब्दधातुचन्द्रिका 978-81-89798-52-9
14. शब्दरूपकौमुदी
15. नीतिशतकम् संस्कृत -हिन्दी-व्याख्या
16. दशरूमकम् सम्पादन एवं भूमिका लेखन
17. आधुनिक संस्कृत काव्य-परम्परा सम्पादन
18. कुमारसम्भवम् संस्कृत-हिन्दी-व्याख्या
19. रद्युवंशमहाकाव्यम् संस्कृत -हिन्दी-व्याख्या
20. लघुसिद्धान्तकौमुदी
21. वैदिकसूक्त भाग 1 एवं 2
22. पालि
23. प्राकृत एवम् अपभ्रंश
24. भाषाविज्ञान
25. सांख्यकारिका
26. तर्कभाषा
27. वेदान्तसार
28. योगदर्शन
29. प्रत्ययप्रकरण
30. निरूक्त एवं उपनिषद्
International- Dr. R.S. Musalgaonkar- 1. श्रीमद्भगवद्गीता
978.93.81608.13.5
2ण्नाट्यशास्त्र पर्यालोचन - खण्ड -1 97881-9550-068-66
2ण्नाट्यशास्त्र पर्यालोचन - खण्ड -2 97881-9550-068-97
Dr. Sarveshwar Sharma- 1. षट्पंचाशिका
978.81.934348.3.3
1. श्री महाकाल सहस्रनाम स्तोत्र-
978-93-91-738-00-6
3. लघुपाराशरी ( चतुर्थ संस्करण )- 978-81-934348-2-6
4. आओ ज्योतिष सीखे -( द्वितीय संस्करण )- 978-81-934348-8-8
5. गदावली -( द्वितीय संस्करण )- 978-81-945124-4-8
Year of publication: 2022-23
2022.23
Dr. Rashmi Mishra . 1. षट्पंचाशिका
978.81.934348.3.3
2ण् श्री महाकाल सहस्रनाम स्तोत्र-
978-93-91-738-00-6
3. लघुपाराशरी ( चतुर्थ संस्करण )- 978-81-934348-2-6
4. आओ ज्योतिष सीखे -( द्वितीय संस्करण )- 978-81-934348-8-8
5. गदावली -( द्वितीय संस्करण )- 978-81-945124-4-8
Infrastructure-
क्षैत्रफल . 5000 स्कवेयर फिट
पुस्तकालय कक्ष - 01
शिक्षक कक्ष - 01
छात्रा कक्ष गर्ल्स कॉमन रूमद्ध - 01
अध्ययनशाला में समृद्ध पुस्तकालय जिसमें लगभग 2300 से अधिक पुस्तके तथा राजाभोजकृत पाण्डुलिपियों का संग्रह।
Departement Activities-